इश्क ने मुझे निकम्मा कर दिया:
इश्क में शक्तिशाली भावना है जो हमारी जिंदगी को बदल सकती है। हां हमें खुशी, दुख, उत्साह और उदासी का अनुभव मिल सकता है। इश्क हमन अपने आप से और दुनिया से जुड़ सकता है। लेकिन इश्क कभी-कभी हम निकम्मा भी बना सकते हैं। इश्क ने निकम्मा कर दिया शायरी इस बात का वर्नन करती है कि इश्क हम अपने प्रियजन के लिए क्या कुछ कर सकते हैं। हां हम अपनी जिंदगी के सभी मकसद छोड़कर उसके साथ रहने के लिए मजा कर सकते हैं। हाँ हमन अपना करियर, अपना रिश्ता और अपना आप भी निकम्मा बना सकते हैं। इश्क ने निकम्मा कर दिया शायरी इस बात का भी वर्णन करती है कि इश्क हमें कैसा दर्द दे सकता है। हाँ हमन उसे छोड़ने से एक तरह का धोखा महसुस करा सकता है। याह हमन एक तरह का अलग-ठंडा महसुस करा सकता है। हाँ हमन एक तरह का चिंता और परेशान महसुस करा सकता है।
इश्क ने मुझे दर्द दिया शायरी:
![ishq ne nikamma kar diya shayari](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/08/Add-a-heading-89.png)
इश्क ने 'गालिब' निकम्मा कर दिया
वर्ना हम भी आदमी थे काम के
इश्क ने हम को जूनून-न-आसार ऐसा कर दिया
बस्ता-ए-साहिल भी रक्खा और दरिया कर दिया
टायरे इश्क ने दिया है वो मक़ाम-ए-ख़ुसरवाना
है जहाँ.न जूनु.न हकीकत है जहाँ.न खिरद फ़साना
इश्क ने मुझे छोड़ दिया शायरी:
![ishq ne mujhe nikamma kar diya shayari](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/08/Add-a-heading-86.png)
वाहा.न पाहु.नचा दिया है इश्क ने अब मरहला दिल का
जहान सब फर्क मिट जाता है बिस्मिल और कातिल का
इश्क ने तेरे ना जाने क्या तमाशा कर दिया
मैंने कहा था, लेकिन मुझको दरिया कर दिया
इश्क ने कार दिया क्या सुखन-आरा टायर का नाम
वो जो गाता था फलक पर वो सितारा टायर नाम
इश्क ने मुझे उदास कर दिया शायरी:
![ishq ne mujhe chhod diya shayari](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/08/Add-a-heading-87.png)
ना-कामी-ए-इश्क या कामयाब
डोनो.न का हासिल खाना-ख़राबी
जब हुनर हमें किसी मोहब्बत का खुला मुझ पर 'सबीं'
क़ैद हमें ने घर की दीइवारो.एन मी.एन मुझको कर दिया
मिल-मिला के डोनो.एन ने दिल को कर दिया बर्बाद
हुस्न ने किया बे-ख़ुद इश्क़ ने किया आज़ाद
![ishq ne mujhe dard diya shayari](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/08/Add-a-heading-88.png)
हर-चंद कर दिया मुझे बर्बाद इश्क ने
लेकिन उन्हें तो शेफ्ता-ए-दिल बना दिया
मैं शिकार हूं किसी और का मुझे मारता कोई और है
मुझे चकरो.एन.ने फा.नसा दिया मुझे इश्क़ ने तो रुला दिया
मैं तो मांग रही हूं कि कोई और मेरी मां है।
जा भी ऐ नासे कहा.एन का साउथ और कैसा जिया.एन
इश्क ने समझा दिया है इश्क का हासिल मुझे
![ishq ne mujhe udaas kar diya shayari](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/08/Add-a-heading-90.png)
कितनी दियवारो.न के सा.ए हाथ फैलाते रहे
इश्क ने लेकिन हमने.न बे-ख़ानुमा.न रहने दिया
चर्चा हमारा इश्क़ ने क्यों.न जा-ब-जा किया
दिल हमें दे दिया तो भला क्या बुरा किया
मैं.एन दाऊ.डी दाऊ.डी के खुद को पका.डी के लाता हूं.एन
तुम्हारे इश्क ने बच्चा बना दिया है मुझे
![ishq ne mujhe majbur kar diya shayari](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/08/Add-a-heading-91.png)
हिज्र बख्शा कभी विसाल दिया
इश्क ने जो दिया कमाल दिया
इश्क ने कर दिया निकम्मा सा
अब टायर आया का बना हुआ.एन.एन
बरबाद कार दिया हमें.एन परदेस ने मगर
मां.एन सब से कह रही है कि बेटा भूलभुलैया में.एन है
![](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/08/Add-a-heading-92.png)
दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया
तुझ से भी दिल-फ़रेब है।एन गम रोज़गार के
चर्चा हमारा इश्क़ ने क्यों.न जा-ब-जा किया
दिल हमें दे दिया तो भला क्या बुरा क्या
देती है.एन मुझ को ता.अने मिरी सब सहेलियाँ.एन
कहती है.एन तुझ को इश्क ने मगरूर कर दिया
![ishq ne mujhe nakam kar diya shayari](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/08/Add-a-heading-93.png)
देती है.एन मुझ को ता.अने मिरी सब सहेलियाँ.एन
कहती है.एन तुझ को इश्क ने मगरूर कर दिया
शहर में.एन चेहरे थे यू.एन कहने को तो सब मुखतलिफ़
इश्क ने हर एक चेहरा आपने जैसा कर दिया
एक कतरा अश्क का छलका तो दरिया कर दिया
एक मुश्त-ए-खाक जो बिखरा तो सहरा कर दिया
![](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/08/Add-a-heading-94.png)
इश्क ने पाहु.नचा दिया इस हाल को
देखने वालो.एन को इब्रत हो गा.ii
मेरे साथ बुउद-ओ-नबूद में.एन जो धा.दक रहा है वजूद में.एन
इसी दिल ने एक जगह का मुझे रू-शनास तो कर दिया
हालात ने किसी से जुदा कर दिया मुझे
अब जिंदगी से जिंदगी महरूम हो गई
![ishq ne mujhe majbut banaya](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/08/Add-a-heading-95.png)
दिया जो रा.नज टायर इश्क ने तो राहत थी
फ़िराक़-ए-तल्ख़ तो शिरी.न मुझे विसाल हुआ
गम-ए-हयात ने आवारा कर दिया वरना
थी आरज़ू की टायर डार पे सब.ह ओ शाम करे.एन
कोई टैगोर की कविता है
जैसा गंगा चनाब से उलझे
इश्क ने हौसला दिया वरना
'मु.हाफ़ी' के देख यु.एन चेहरे का रंग
इश्क ने क्या हमें नक्शा कर दिया
इश्क ने कर दिया मुझे मजबूर
अब नहीं, इख्तियार क्या किइजे
गम-ए-ज़माना ने मजबूर कर दिया वर्ना
ये आरज़ू थी कि बस तेरी आरज़ू करता
चार दिन के इश्क ने हम को ख़त्म कर दिया
देखना है और वो कितना करम फरमाएंगे
बद-गुमानी को बा.धा कर तुम ने ये क्या कर दिया
खुद भी तन्हा हो गया, मुझको भी तन्हा कर दिया
इश्क ने रोज़-ए-अज़ल ही कर दिया था फैसला
फिर कहा.एन दुनिया के कहने से सुधर जा.ए.एनगे हम
मुझ को मरने ना दिया शेर उतारे मुझ पर
इश्क ने बस ये मेरे साथ री.आयत की थी