अल्लामा इक़बाल शेरी हिंदी में:
पूर्व के दार्शनिक-कवि अल्लामा इक़बाल को उर्दू और फ़ारसी साहित्य के इतिहास में सबसे प्रभावशाली विचारकों और कवियों में से एक के रूप में जाना जाता है। उनकी कविता, जिसे अक्सर “Allama Iqbal Shayari” कहा जाता है, पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए समय और भाषा की सीमाओं को पार करती है। इस लेख में, हम अल्लामा इक़बाल शायरी की दुनिया में उतरते हैं, इस दूरदर्शी कवि के जीवन, उनकी कविता का सार और व्यक्तियों, राष्ट्रों और दुनिया पर इसके स्थायी प्रभाव की खोज करते हैं।
अल्लामा इक़बाल की शायरी आध्यात्मिकता, दर्शन और सामाजिक चेतना का एक अद्भुत मिश्रण है। उनके छंद गहन प्रेरणा का स्रोत हैं और व्यक्तियों को अपनी क्षमता जगाने और आत्म-साक्षात्कार के लिए प्रयास करने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं। उनकी शायरी के कुछ प्रमुख पहलू शामिल हैं:
अल्लामा इकबाल शायरी इन हिंदी
![अल्लामा इकबाल शायरी इन हिंदी](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/09/www.wellshayari.com-2023-09-13T170100.298.png)
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं
तही ज़िंदगी से नहीं ये फ़ज़ाएँ
यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं
ख़िर्द-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है
कि मैं इस फ़िक्र में रहता हूँ मेरी इंतिहा क्या है
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ
मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को
कि मैं आप का सामना चाहता हूँ
allama iqbal shayari urdu
![allama iqbal shayari urdu](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/09/www.wellshayari.com-2023-09-13T165843.692.png)
ستاروں سے آگے جہاں اور بھی ہیں
ابھی عشق کے امتحاں اور بھی ہیں ..
ترے صوفے ہیں افرنگی ترے قالیں ہیں ایرانی
لہو مجھ کو رلاتی ہے جوانوں کی تن آسانی ..
میرے “اقبال“ میں شرمندہ ہوں تیری روح سے
تیرے خوابوں کی جو تعبیر تھی پھر خواب کیا..
iqbal poetry in urdu 2 lines
![iqbal poetry in urdu 2 lines](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/09/www.wellshayari.com-2023-09-13T165704.440.png)
اقبال تیری عظمت کی داستاں کیا سناؤں
تیری زندگی پہ لکھوں تو الفاظ نہ پاؤں..
اک دن رسُولِ پاکؐ نے اصحابؓ سے کہا
دیں مال راہِ حق میں جو ہوں تم میں مالدار..
اک دن رسُولِ پاکؐ نے اصحابؓ سے کہا
دیں مال راہِ حق میں جو ہوں تم میں مالدار..
allama iqbal shayari in english
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Daleel-E-Subah-E-Roshan Hai Sitaron Ki Tunak Tabi
Ufaq Se Aftab Ubhra, Gya Dour-E-Garan Khawabi
Urooq-E-Murda’ay Mashriq Mein Khoon-E-Zindagi Dora
Samajh Sakte Nahin Iss Raaz Ko Seena-O-Farabi
Musalman Ko Musalman Kar Diya Toofan-E-Maghrib Ne
Talatum Haye Darya Hi Se Hai Gohar Ki Seerabi
Allama Iqbal poetry in english 2 Lines
![Allama Iqbal poetry in english 2 Lines](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/09/www.wellshayari.com-2023-09-13T165219.019.png)
Atta Momin Ko Phir Dargah-E-Haq Se Hone Wala Hai
Shikoh-E-Turkamani, Zehan-E-Hindi, Nutq-E-Arabi
Asar Kuch Khawab Ka Ghunchon Mein Baqi Hai To Ae Bulbul !
“Nawa Ra Talakh Tar Mee Zan Choo Zauq-E-Nagma Kmyabi”
Tarap Sehan-E-Chaman Mein, Ashiyan Mein, Shakhsaron Mein
Juda Pare Se Ho Sakti Nahin Taqdeer-E-Seemabi
allama iqbal best shayari
![allama iqbal best shayari](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/09/www.wellshayari.com-2023-09-13T165108.059.png)
नशा पिला के गिराना तो सब को आता है
मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी
तेरा इमाम बे-हुज़ूर तेरी नमाज़ बे-सुरूर
ऐसी नमाज़ से गुज़र ऐसे इमाम से गुज़र
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा
अल्लामा इकबाल की नात
![अल्लामा इकबाल की नात](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/09/www.wellshayari.com-2023-09-13T164927.170.png)
ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को
कि मैं आप का सामना चाहता हूँ
अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल
लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे
फ़िर्क़ा-बंदी है कहीं और कहीं ज़ातें हैं
क्या ज़माने में पनपने की यही बातें हैं
अल्लामा इकबाल शायरी इन हिंदी
![अल्लामा इकबाल शायरी इन हिंदी](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/09/www.wellshayari.com-2023-09-13T164723.383.png)
अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी
तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन
दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है
फिर इस में अजब क्या कि तू बेबाक नहीं है
नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद पर
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में
अल्लामा इकबाल शायरी इन उर्दू
![अल्लामा इकबाल शायरी इन उर्दू](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/09/www.wellshayari.com-2023-09-13T164601.699.png)
गला तो घोंट दिया अहल-ए-मदरसा ने तिरा
कहाँ से आए सदा ला इलाह इल-लल्लाह
दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो
महीने वस्ल के घड़ियों की सूरत उड़ते जाते हैं
मगर घड़ियाँ जुदाई की गुज़रती हैं महीनों में
अल्लामा इकबाल शायरी इन हिंदी
![अल्लामा इकबाल शायरी इन हिंदी](https://wellshayari.com/wp-content/uploads/2023/09/www.wellshayari.com-2023-09-13T164311.564.png)
दिल से जो बात निकलती है असर रखती है
पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है
वजूद-ए-ज़न से है तस्वीर-ए-काएनात में रंग
इसी के साज़ से है ज़िंदगी का सोज़-ए-दरूँ
इल्म में भी सुरूर है लेकिन
ये वो जन्नत है जिस में हूर नहीं
जो मैं सर-ब-सज्दा हुआ कभी तो ज़मीं से आने लगी सदा
तिरा दिल तो है सनम-आश्ना तुझे क्या मिलेगा नमाज़ में
ऐ ताइर-ए-लाहूती उस रिज़्क़ से मौत अच्छी
जिस रिज़्क़ से आती हो परवाज़ में कोताही
ज़ाहिर की आँख से न तमाशा करे कोई
हो देखना तो दीदा-ए-दिल वा करे कोई
हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी
ख़ुदा करे कि जवानी तिरी रहे बे-दाग़